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कृष्ण ने राधा से पूछा - ऐसी एक जगह बताओ जहाँ मैं नहीं हूँ ...... राधा ने मुस्कुरा के कहा - बस मेरे नसीब में .... फिर राधा ने कृष्ण से पूछा - हमारा विवाह क्यों नहीं हुआ? कृष्ण ने मुस्कुरा कर कहा - राधे! विवाह के लिये दो लोगों का होना आवश्यक है ....हम तो एक हैं ......

Monday, July 4, 2011

संध्या बेला




7 comments:

रश्मि प्रभा... said...

ek ek din kerke kai din anuttarit rah jate hain ...

केवल राम said...

हर दिन अनुतरित ही बीतता है कि जीवन का क्या मकसद है ..फिर भी इन्सान के दौड़ - दौड़ रहा है ...आपकी रचनात्मकता प्रशंसनीय है ...आपका आभार

ρяєєтii said...

very Nice Aniee Di....!

नीर said...

तुमने वो कहा जो सबके मन में है और जवाब किसी के पास नहीं....

पर हर इंसान के होने का अर्थ होता है बस इंसान समझ नहीं पता...

નીતા કોટેચા said...

kitne saval aate hai aur chale jate hai bas jindgi jaise rukti nahi saval rukte nahi...

अति Random said...

चलिए एक जैसे नाम के बहाने ही सही एक मुलाकात हुई
आपका ब्लॉग भी बेहद अच्छा हा
और खास बात है इसका presentation
तस्वीरों पर गुड़े ये अक्षर किसी फिल्म से कम नही लगते

कविता रावत said...

esi kaa naam jindagi hai..
bahut badiya rachna..