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Monday, June 24, 2013
Saturday, May 11, 2013
माँ
बदल गया माँ होने का अर्थ
कहाँ गया वो सामर्थ्य ?
कहाँ गया वो सामर्थ्य ?
देखती थी माँ की गोद के लिये
मचलते हुए भाइयों को
देखती हूँ माँ कि जिम्मेदारियों को
ठेलते हुए भाइयों को ......
मचलते हुए भाइयों को
देखती हूँ माँ कि जिम्मेदारियों को
ठेलते हुए भाइयों को ......
कैसे जान लेती थी वो
सबके मन की बात अनकही
आज उसके मन की बात
किसी को जानने की फ़िक्र ही नहीं ......
सबके मन की बात अनकही
आज उसके मन की बात
किसी को जानने की फ़िक्र ही नहीं ......
थोड़े में भी जाने कैसे
उसने रखा सबका ख्याल
कृशकाय हुई आज उसका
कोई न पूछे दिल का हाल
उसने रखा सबका ख्याल
कृशकाय हुई आज उसका
कोई न पूछे दिल का हाल
ज्यादा की तो चाहत ही नहीं
बस थोड़ा सा दे दो सम्मान
मृग- मारीचिका से मोह में घिर कर
मत करो उस माँ का अपमान
बस थोड़ा सा दे दो सम्मान
मृग- मारीचिका से मोह में घिर कर
मत करो उस माँ का अपमान
उसका सारा समय तुम्हारा
प्रेम समग्र तुम्हारे लिये
मत तरसाओ बूढ़े कानों को
प्यार भरे बोलों के लिये ....
प्रेम समग्र तुम्हारे लिये
मत तरसाओ बूढ़े कानों को
प्यार भरे बोलों के लिये ....
एक बार बेटा बन कर
देखो धुंधली आँखों को
आज ज़रुरत है तुम्हारी
उसकी कमज़ोर बाँहों को ....
देखो धुंधली आँखों को
आज ज़रुरत है तुम्हारी
उसकी कमज़ोर बाँहों को ....
गोद में सिर रख कर देखो
आज भी सुकून पाओगे
लेने देने के व्यापारी
इसमें भी कुछ पाओगे .....
आज भी सुकून पाओगे
लेने देने के व्यापारी
इसमें भी कुछ पाओगे .....
जब अपने बच्चे दुत्कारेंगे
तब उसकी व्यथा समझ पाओगे
चली गयी जो एक बार तो फिर
ढूँढते रह जाओगे ....
तब उसकी व्यथा समझ पाओगे
चली गयी जो एक बार तो फिर
ढूँढते रह जाओगे ....
एक बार वो चली गयी तो
कुछ नहीं कर पाओगे .....
एक बार जो चली गयी तो
बस रोते ही रह जाओगे .....
कुछ नहीं कर पाओगे .....
एक बार जो चली गयी तो
बस रोते ही रह जाओगे .....
Monday, March 25, 2013
Tuesday, March 5, 2013
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