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कृष्ण ने राधा से पूछा - ऐसी एक जगह बताओ जहाँ मैं नहीं हूँ ...... राधा ने मुस्कुरा के कहा - बस मेरे नसीब में .... फिर राधा ने कृष्ण से पूछा - हमारा विवाह क्यों नहीं हुआ? कृष्ण ने मुस्कुरा कर कहा - राधे! विवाह के लिये दो लोगों का होना आवश्यक है ....हम तो एक हैं ......

Wednesday, August 17, 2011

एकाकार

34 comments:

रश्मि प्रभा... said...

बहुत ही कोमल रचना ... समर्पण से भरा

अविनाश वाचस्पति said...

एकाकार में
एक आकार
साकार हुआ।

Rohit Singh said...

एक खूबसूरत अहसास को आपने उतारा है...

डॉ. मोनिका शर्मा said...

हृदयस्पर्शी..... मन के समर्पण को सामने रखती रचना

Dorothy said...

खूबसूरत अहसासों को पिरोती हुई एक सुंदर भावमयी रचना. आभार.
सादर,
डोरोथी.

vidhya said...

बहुत सशक्त प्रस्तुति।

Yashwant R. B. Mathur said...

बहुत ही बढ़िया।


सादर

Vijay Kr Singhal said...

बहुत अच्छी कविता है. अपने मन के भावों का बहुत सुंदर शब्दों में प्रकटीकरण है. पढ़कर अच्छा लगता है. यूँ ही लिखती रहो.

vidhya said...

आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा आज रविवार के चर्चा मंच पर भी की गई है!
यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') said...

सचमुच एकाकार...
बहुत खुबसूरत एहसासों से भरी कविता...
सादर बधाई....

Unknown said...

बहुत ही सुन्दर और प्यारी रचना |

मेरी नई रचना जरुर देखें |अच्छा लगे तो ब्लॉग को फोलो भी कर लें |

मेरी कविता: उम्मीद

Yashwant R. B. Mathur said...

कल 24/08/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

तुम ही तुम हो या मैं ही मैं ..एकाकार का एहसास बहुत भावपूर्ण लगा ..सुन्दर अभिव्यक्ति

Harminder Singh Chahal said...

सुन्दर अभिव्यक्ति

शब्दों को सुन्दरता से पिरोया गया है

आभार

डॉ. जेन्नी शबनम said...

बहुत कोमल अभिव्यक्ति, बहुत बधाई अनिता जी.

रेखा said...

सुन्दर रचना .सुन्दर अभिव्यक्ति

Udan Tashtari said...

बहुत उम्दा..

Suresh Kumar said...

Atisundar rachana...aabhar

tips hindi me said...

अनीता जी ,
नमस्कार,
आपके ब्लॉग को "सिटी जलालाबाद डाट ब्लॉगसपाट डाट काम" के "हिंदी ब्लॉग लिस्ट पेज" पर लिंक किया जा रहा है|

Shikha Kaushik said...

man ko chhoo lene vali bhavabhivyakti aabhar

BHARTIY NARI

DR. ANWER JAMAL said...

Nice post .

Thanks .

शारदा अरोरा said...

अच्छा लगा आपको पढना ...

Rakesh Kumar said...

सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति.
एकाकार का अनुपम अहसास कराती हुई.
कुछ अक्षर फॉण्ट की वजह से समझने में
दिक्कत हो रही हैं.
आभार.

मेरे ब्लॉग पर आप आयीं,बहुत अच्छा लगा.
एक बार फिर से आईयेगा.
भक्ति व शिवलिंग पर अपने सुविचार प्रस्तुत
करके अनुग्रहित कीजियेगा मुझे.

एक स्वतन्त्र नागरिक said...

समझ नहीं पा रहा की तारीफ किस बात की पहले करू? भावों की चित्रों की या आज के इस भौतिकवादी निष्ठुर समय में भी इस विचार की कि "एक साधारण महिला, जो ......रिश्ते-नाते व मित्रता का महत्व जानती है.......परन्तु परिवार से बढ़ कर कुछ नहीं ..." इस भावना को प्रणाम.
यदि मीडिया और ब्लॉग जगत में अन्ना हजारे के समाचारों की एकरसता से ऊब गए हों तो मन को झकझोरने वाले मौलिक, विचारोत्तेजक आलेख हेतु पढ़ें
अन्ना हजारे के बहाने ...... आत्म मंथन http://sachin-why-bharat-ratna.blogspot.com/2011/08/blog-post_24.html

Ravi Rajbhar said...

kya bat hi ek dam se dil ko chhu hai.

Kailash Sharma said...

कोमल अहसासों की बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति..

Kavi Kulwant said...

ati sundar..
pustak ki badhayee ho...

Kavi Kulwant said...

- राधे! विवाह के लिये दो लोगों का होना आवश्यक है ....हम तो एक हैं ......

amazing

Kailash Sharma said...

बहुत कोमल अहसास..बहुत सुन्दर

Alpana Verma said...

कविता तो अच्छी है ही..प्रस्तुति बेहद आकर्षक है.

Anju (Anu) Chaudhary said...

यादो के बवंडर में मै ही
मै में खो कर ....तुम हो गई हूँ ...............अनु




कुछ वक़्त ब्लॉग से दूर रही उसके लिए माफ़ी चाहूगी ...

सधे शब्दों के साथ बहुत खूबसूरत कविता

sourabh sharma said...

बहुत अच्छी कविता

man na vicharo said...

wahhhhhhhhhhhh bahut badhiya...

Unknown said...

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