वाह अनीता जी वाह, वात्सल्य रस से परिपूर्ण अभिव्यक्ति। सचमुच एक माँ के हृदय से निकले उद्गार। क्षमा चाहता हूँ प्रशंसा के लिये सार्थक शब्दों का प्रयोग नहीं कर पा रहा हूँ। माँ के संबंध में मैंने भी कुछ लिखने का प्रयास किया है। कृपया मेरे ब्लॉग पर आकर,अपने आशीष वचनों से मुझे अनुग्रहीत करें। सुन्दर रचना के लिये बधाई एवं आभार....
20 comments:
बहुत प्यारी कविता...
सादर बधाई...
बहुत ही बढ़िया।
सादर
अति सुन्दर लगी आपकी यह प्रस्तुति.
मातृत्व के अनमोल भावों से रंगीं
अभिव्यक्ति के लिए आभार.
मेरे ब्लॉग पर आपके आने का मैं आभारी हूँ जी.
bemishal ..aabhar
jitani tareef karun kam hogi ....kavit ka sanskar nishchay hi ak prbhavshali abhivykti lagi .
प्रसंशनीय प्रस्तुति ......!
वाह अनीता जी वाह, वात्सल्य रस से परिपूर्ण
अभिव्यक्ति। सचमुच एक माँ के हृदय से निकले
उद्गार।
क्षमा चाहता हूँ प्रशंसा के लिये सार्थक शब्दों का
प्रयोग नहीं कर पा रहा हूँ।
माँ के संबंध में मैंने भी कुछ लिखने का प्रयास
किया है। कृपया मेरे ब्लॉग पर आकर,अपने
आशीष वचनों से मुझे अनुग्रहीत करें।
सुन्दर रचना के लिये बधाई एवं आभार....
kavita to ahut log lkhte hai but aap ke likhne ka andaz hi alag hai picture me kavita bahut accha sayvojan hai.......
मानवीय भावों से भरी कविता सहज ही मन को साथ ले लेती है. बहुत सुंदर.
कविता में सुंदर भावों को आपने पिरो दिया है.
Bahut hi sundar kavita..
अनीता जी आप बहुत SUNDAR भावों को व्यक्त करने की क्षमता रखती हैं आप मेरा अभिवादन स्वीकार करें .
अनीता जी आप बहुत SUNDAR भावों को व्यक्त करने की क्षमता रखती हैं आप मेरा अभिवादन स्वीकार करें .
परोपकाराय बहन्ती नद्यः
परोपकाराय दुहन्ति गावः
परोपकाराय फलन्ति वृक्षा
परोपकारथ मिदं शरीरं
बहुत प्यारी कविता...
सादर बधाई...
Nice poem...
माँ बनके देखना और जीना दोनों अलग अलग तजुर्बे होते हैं | कामयाब रचना |
बहुत खूब , शानदार प्रस्तुति.
कृपया मेरी नवीनतम पोस्ट पर पधारकर अपना शुभाशीष प्रदान करें , आभारी होऊंगा .
बहुत अच्छी पोस्ट। मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है।
बहुत प्यारी कविता...
सादर बधाई...
बहुत प्यारी कविता...
सादर बधाई...
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