बैठ जाती है परों को जोढ़ कर फूलों के बीच . तितलियों के पावो में मेहँदी लगा देता है कौन. फांद परते है किसका नाम लेकर शाख से सूखते पत्तों को इतना होसला देता है कौन चक्रेश .....
अनीता दी ! नमस्कार ! आप का लेखन आपको एक आम साधारन महिला की श्रेणी से ऊपर उठा देता है ! prakriti kaiyon ko बहुत aakarshit करती है pr wo usey kis tarh aatmsaat kerte हैं और कितनी क्षमता से अभिव्यक्त कर पाते हैं की पढने वाला भी उतना ही रसमय हो जाये ! kripya लिखती रहे और अपने लेखन से हमें अभिभूत करती रहें .....
maran ke bad fir punarmilan ki aash...wah...positive soch...pahele bhi padhi thi par tab mrutyu se dar lagta tha...ab kuch alag soch ke sath padha..bahut achchi lagi ye bat...
Anita Ji! I appreciate, Your Blog, Write-ups & Poems etc., these all are really very Beautiful. I like it very much and I would like to you please also visit my Blog - Tumchhulo (http://tumchhulo. blogspot.com) and post your comments please. Dr. Ashok Madhup (Geetkar), NOIDA.
18 comments:
nice.....very nice
hamesha ki tarah kuch khaas mila ...
Bahot sundar....mann ko mrutyu ke bhay se dur kar dene wali ek sundar rachnaa.....
mrutyu ke nam se hi muje sar sa lagta hai par man ko shant karne vali rachna ..bahut khub..
बैठ जाती है परों को जोढ़ कर फूलों के बीच .
तितलियों के पावो में मेहँदी लगा देता है कौन.
फांद परते है किसका नाम लेकर शाख से
सूखते पत्तों को इतना होसला देता है कौन
चक्रेश .....
अनीता दी ! नमस्कार ! आप का लेखन आपको एक आम साधारन महिला की श्रेणी से ऊपर उठा देता है ! prakriti kaiyon ko बहुत aakarshit करती है pr wo usey kis tarh aatmsaat kerte हैं और कितनी क्षमता से अभिव्यक्त कर पाते हैं की पढने वाला भी उतना ही रसमय हो जाये ! kripya लिखती रहे और अपने लेखन से हमें अभिभूत करती रहें .....
बहुत ही बढ़िया ।
सादर
बहुत सुन्दर |बधाई
आशा
गहन अंतर्व्यथा का सुंदर शब्द - चित्र.
यथार्थ का सटीक वर्णन ...
यही होती है जीवन की सार्थकता।
बहुत ही खुबसूरत रचना और प्रस्तुती....
सुन्दर प्रस्तुति ...
सुन्दर प्रस्तुति ...
maran ke bad fir punarmilan ki aash...wah...positive soch...pahele bhi padhi thi par tab mrutyu se dar lagta tha...ab kuch alag soch ke sath padha..bahut achchi lagi ye bat...
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Dr. Ashok Madhup (Geetkar),
NOIDA.
I DONT WANT TO SAY I AM JEALOUS OF YOUR FEELINGS AND BEAUTIFUL EMOTIONS
BEAUTIFUL LINES WITH DEEP EMOTIONS
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